Revant Himatsingka: अमरीका रिटर्न भारतीय इंफ्ल्यूएंसर बना Junk Food कंपनी के लिए मुसीबत

Revant Himatsingka: अमरीका रिटर्न भारतीय इंफ्ल्यूएंसर बना Junk Food कंपनी के लिए मुसीबत

डिजिटल दुनिया में रेवांत हिमतसिंगका की पहचान एक सोशल मीडिया इंफ्ल्यूएंसर की है। लेकिन, अब उनका काम इससे कहीं अधिक व्यापक है और लोग उन्हें हेल्थ एजुकेटर, फ़ूड एक्सपर्ट और यहाँ तक कि डॉक्टर तक का दर्जा दे रहे हैं।



“मैं चाहता हूँ कि फ़ूड पैकेट पर लिखे साम्रगियों को पढ़ने की एक पढ़ाई हो अथवा उससे संबंधित एक स्किल डेवलप करवाया जाए, जिससे कि लोग समझ सकें कि वे जो खा रहे हैं वह किस चीज़ से बनी है और उनके शरीर के लिए कितनी लाभदायक या नुक़सानदेह है,” अमरीका से भारत लौटे 31 वर्षीय रेवांत हिमतसिंगका ने मोजो स्टोरी (Mojo Story) से कहा।

हमने रेवांत से यह जानने की कोशिश की कि आख़िर उनके जीवन में ऐसा क्या हुआ कि वह अमरीका छोड़कर भारत अपनी मातृभूमि कोलकाता लौटे और वीडियो बनाकर लोगों को उनके खाने के प्रति जागरूक करने का काम शुरु कर दिया?

बता दें कि इससे पहले रेवांत अमरीका में मैकिंज़ी (McKinsey) जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनी में कंसलटेंट की नौकरी कर रहे थे। वहाँ नौकरी के साथ-साथ उन्होंने ‘सेल्फ़ीनोमिक्स’ (Selfienomics) नाम की क़िताब लिखी। क़िताब में विशेष रूप से एक अध्याय में उन्होंने उपभोक्ताओं को फूड पैकेट लेबल पढ़ने के लिए प्रेरित किया है।

“भारत दुनिया के लिए एक बाज़ार है और सभी कंपनी अपना रद्दी माल हमारे यहाँ खपाना (डंप करना) चाहती हैं। वे अपने प्रॉडक्ट्स में उन सस्ती साम्रगियों का इस्तेमाल करती हैं जो दुनिया में और कहीं इस्तेमाल नहीं कर सकतीं। ऐसे में बतौर उपभोक्ता यह जानना हमारी ज़िम्मेदारी है कि जो हमारे शरीर में जा रहा है, वह कितना लाभकारी या नुक़सानदेह है,” रेवांत ने कहा।


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