डिलीवरी पार्टनर्स के हड़ताल (Strike) कर देने से मोबाइल फोन से सामान मंगाने वाले लोगों को हो रही परेशानी। वहीं, कर्मचारी इस महंगाई में कंपनी की कटौती से निराश हैं। उनके अनुसार, बीते वर्ष उनका रेट 50 रुपये प्रति डिलीवरी से आधा करके 25 रुपये किया गया, जिसे अब 15 रुपए कर दिया गया है।
रिटेल स्टोर के बाहर प्रदर्शन करते डिलीवरी पार्टनर।
बीते एक हफ्ते से देशभर में Blinkit के हजारों कर्मचारी हड़ताल (Strike) पर हैं, जिसका मुख्य कारण कंपनी द्वारा वेतन में किया गया बदलाव है। कर्मचारियों का कहना है कि वेतन में बदलाव का सीधा असर उनकी मासिक तनख्वाह पर पड़ेगा, जो उन्हें कतई मंजूर नहीं है।
“इस महंगाई में ये कटौती हमारे लिए मौत से कम नहीं है,” 26 वर्षीय आकाश कुमार गुस्से में कहते हैं। यह शब्द सिर्फ आकाश के नहीं हैं, बल्कि उनकी तरह हजारों Blinkit कर्मचारियों का गुस्सा बयान करते हैं।
सैकड़ों की संख्या में पीली टी-शर्ट पहने (Blinkit कर्मचारियों का ड्रेस) कर्मचारियों ने वेतन में इस बदलाव को लेकर गाजियाबाद (Ghaziabad) के Blinkit स्टोर के बाहर भारी विरोध प्रदर्शन भी किया था। प्रदर्शन में मौजूद 26 वर्षीय आकाश ने हमें बताया कि कंपनी ने उनका प्रति डिलीवरी का चार्ज 25 रुपये से घटाकर मात्र 15 रुपये कर दिया है।
आकाश बताते हैं, “जब मैंने दो वर्ष पहले डिलीवरी का काम शुरू किया था, तब प्रति डिलीवरी 50 रुपया कमाता था। पिछले साल इसमें 50 फीसद की कटौती हुई, जिसका हम सभी लोगों ने विरोध किया था। लेकिन तब बातचीत के बाद हम लोगों ने यह रेट भी मंजूर कर लिया।”
आकाश आगे कहते हैं कि अब इस रेट में कंपनी ने फिर से सेंधमारी करते हुए इसे 15 कर दिया है।
“आप बताइए इस महंगाई में, जब पेट्रोल 100 रुपये के करीब हो गया है और सब्जी के दाम आसमान छू रहें हैं तो भला 12 घंटे काम करने की यह पगार मिलेगी तो आपको गुस्सा नहीं आएगा?”
वह इस कटौती पर आपत्ति जताते हुए कहते हैं, “वेतन में इस बदलाव से पहले, मैं एक माह में करीबन 25 से 30 हजार रुपये कमा लेता था। लेकिन मुझे यह डर है कि कहीं अब मेरी कमाई आधे से भी कम न हो जाए।”
कर्मचारियों के अनुसार, Blinkit के करीबन 400 बड़े स्टोर देश के 20 शहरों में फैले हुए हैं। इसमें से 200 दिल्ली-एनसीआर (Delhi NCR) में मौजूद हैं। इस हड़ताल के कारण कंपनी के करीबन सौ से ज्यादा स्टोर अभी बंद हो गए हैं, और उनका मानना है की ये संख्या आगे और बढ़ेगी।
कर्मचारियों का समर्थन करते हुए कर्मचारी एकता यूनियन ने कहा, “एक ओर, Blinkit ने वित्तीय वर्ष 2022 में 2,616 करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित किया है, वहीं दूसरी ओर कंपनी अपने डिलीवरी कर्मचारियों के तनख्वाह में लगातार कटौती कर रही है।”
कर्मचारियों को संबोधित करते कर्मचारी यूनियन के नेता।
बीते दिनों हुए विरोध प्रदर्शनों के बाद Blinkit के कुछ कर्मचारी फिर से काम पर लौट आए हैं, लेकिन उनके सामने अपने भविष्य को लेकर कई सवाल हैं।
रमेश (बदला हुआ नाम) कहते हैं कि “पिछले चार दिन से हड़ताल के बावजूद कंपनी के कान पर जूं तक नहीं रेंगा। पत्नी ने समझाया कि यदि आप काम नहीं करेंगे तो बच्चों की स्कूल की फीस कैसे भरेंगे? यही ख्याल मन में बैठाकर आज वापस काम पर लौट आया हूँ।”
उनका मानना है कि भले यह वेतन बहुत कम है, लेकिन बढ़ती बेरोजगारी और घर की जिम्मेदारी के बीच फंसे होने के कारण काम पर वापस लौटने के सिवा कोई दूसरा विकल्प नहीं है।
Blinkit एक मोबाइल एप्लीकेशन है, जिसकी मदद से आप अपनी घरेलू खाद्य व अन्य ग्रोसरीज (Groceries) के सामान खरीद सकते हैं। साधारण शब्दों में समझ लें कि यह आपके फोन में मौजूद एक किराने की दुकान है। इस कंपनी को बीते साल जोमैटो (Zomato) ने खरीद लिया है।
Blinkit कर्मचारियों की समस्या वर्षों से कई गिग वर्कर (Gig Workers) विरोधों के केंद्र में रही है। पिछले वर्ष उबर (Uber) और ओला (Ola) के कर्मचारियों ने समान मुद्दे पर विरोध जताते हुए हड़ताल की धमकी दी थी। इसी प्रकार, बेंगलुरु में Swiggy कर्मचारियों ने भी मांग रखी थी कि उनका निश्चित मासिक वेतन 26 हजार रुपये किया जाना चाहिए।
विरोध प्रदर्शनों के बीच Blinkit की सुविधा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और देश के अन्य स्थानों पर पिछले कई दिनों से स्थगित है। इसका सीधा असर ग्राहकों पर पड़ रहा है।
27 वर्षीय अभिषेक वर्मा दिल्ली के राजिंदर नगर में रहते हैं। उन्हें जब इस बात का पता चला कि उनके क्षेत्र में Blinkit की सुविधा स्थगित हो गई है, तो पहले उन्हें यह समस्या छोटी प्रतीत हुई लेकिन हफ्ते दिन बाद उनके लिए यह बड़ी दिक्कत बन गई।
वह कहते हैं, “मैं काफी Tech Savvy हूँ, जो अपनी हर समस्या के लिए मोबाइल फोन पर निर्भर रहता है। सुबह से शाम तक ऑफिस के काम में व्यस्त होने के कारण मैं सब्जी और फल खरीदने बाहर नहीं जा सकता हूँ, ऐसे में Blinkit का यूँ ठप पड़ जाना मेरे जैसे व्यक्ति के लिए बड़ी समस्या है।”
इस मसले पर हमने कंपनी (Blinkit) के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की, लेकिन हमें उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।