“काम ढूंढने के लिए शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस से चेन्नई जा रहा था, ट्रेन अचानक से हिलने लगी और फिर मैं गिर गया। मेरा मुंह ट्रेन के मोबिल (तेल) से गिर गया है, और पैर में चोट आई है। जब निकालकर बाहर आया तो एंबुलेंस के पास जाकर इलाज के लिए अस्पताल आ सका।”
ओडिशा में रेल हादसे के दौरान घायल युवक, जिनका चेहरा ट्रेन के मोबिल (तेल) से जल गया है।
ओडिशा के बालासोर में बीते शुक्रवार को तीन ट्रेनों से जुड़ा एक बड़ा रेल हादसा हुआ। इसे सदी के सबसे बड़े रेल दुर्घटना के तौर पर भी देखा जा रहा है। यहां बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस और एक मालगाड़ी तीन-तरफ़ा दुर्घटना का शिकार हो गईं, जिसके परिणामस्वरूप गाड़ियों के डिब्बे बड़े पैमाने पर पटरी से उतर गए। इस हादसे में अब तक 288 लोगों की जान चली गई है, वहीं 900 से अधिक लोग घायल हैं।
इस घटना के बाद से ही देश भर में कोहराम में मचा हुआ है। जहां एक तरह पीड़ितों के परिवार वाले अपने लोगों को ढूंढते हुए दर दर भटक रहे हैं, वहीं विपक्षी पार्टियां इस ट्रेन हादसे के लिए रेलवे से जिम्मेवारी तय करने की मांग कर रही है। यह दुर्घटना इतना बड़े स्तर पर नुकसान पहुंचाने वाला और भयावह है कि ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने घटनास्थल का दौरा कर अधिकारियों से जानकारी ली।
ओडिशा के बालासोर में दो सवारी गाड़ियों और एक मालगाड़ी के एक दूसरे से टकराने के बाद।
बालासोर में हुई इस भयंकर रेल दुर्घटना के बाद से ही मोजो स्टोरी (Mojo Story) की टीम से रमनिका रॉय, अनिरुद्ध मेहता और मदन लाल ग्राउंड जीरो पर मौजूद हैं। टीम घटनाथल के अलावा ओडिशा के अस्पतालों में मौजूद अपनों को खोने वालों और लाशों के मलबे में उन्हें तलाशते सैकड़ों लोगों से उनकी तकलीफ जानने की कोशिश कर रही है।
इसी दौरान हमें एक 19 वर्षीय युवक मिले जो दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के कारण अस्पताल में भर्ती हैं। उनके अनुसार, हादसे के समय वह शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस से चेन्नई जा रहे थे। पीड़ित युवक का चेहरा काफ़ी जला हुआ मिला, जबकि उनके पैर में भी चोट आई है।
हादसे में ट्रेन से गिरने के कारण युवक को पैर में चोट आई है।
दुर्घटना के बारे में बात करते हुए वह बताते हैं, “घायल युवक ने बताया कि ट्रेन अचानक से हिलने लगी और उसके बाद मैं गिर गया। ट्रेन का मोबिल (तेल) गिर जाने से मेरा चेहरा जल गया है। इसके अलावा पैर में भी चोट आई है, मगर डॉक्टर ने कहा है कि जल्द ही ठीक होकर घर चला जाऊंगा।”
पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद का रहने वाला यह 19 साल का युवक होटल में काम ढूंढने के सिलसिले में चेन्नई जा रहा था। जबकि, उनका परिवार अभी भी मुर्शिदाबाद में ही रहता है। इस युवक की तरह ही रेल हादसे के चपेट में ऐसे कई लोग भी आए हैं, जिनके घर वाले बीते तीन दिनों से उनकी तलाश कर रहे हैं।
पीड़ितों के परिजन यह भी शिकायत कर रहे हैं कि यात्रा के दौरान पहचान पत्र रखने के बावजूद भी उनके लोगों की पहचान क्यों नहीं हो सकी। ऐसे में अभी यह कह पाना मुश्किल है कि आखिर इस हादसे में कितने लोगों ने अपनी जान गंवाई है और कितने घायल हैं। आने वाले समय में यह आंकड़ा अनुमान से काफी अधिक भी हो सकता है, क्योंकि फिलहाल हादसे में शामिल गाड़ियों में यात्रा कर रहे लापता लोगों के लिए उनके परिजन भटकते दिख रहे हैं।
"Mere Upar Garam Mobile Oil Gira": A 19-year-old victim of the #Balasoretarinaccident recalls the horrific moment when the trains crashed. #Odisha #MojoOnGround pic.twitter.com/TjqBUvnhHs
— Mojo Story (@themojostory) June 4, 2023