“झारखंड कीर्तिमान बनाने वालों का प्रदेश है. हेमंत सोरेन देश के ऐसे पहले मुख्यमंत्री बनेंगे जो घपले-घोटाले और लूट के आरोप में मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए ED के यहां पूछताछ के लिये पेश होंगे.” ये शब्द भाजपा नेता बाबूलाल मरांडी के हैं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए आगे कहा कि “भगवान न करे कि ये जेल से ही राज्य चलाने वाले मुख्यमंत्री का रिकॉर्ड भी झारखंड के नाम कर दें.”
दरअदल बाबूलाल मरांडी ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर तब कटाक्ष किया जब मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन भेजा है. ईडी नें हेमंत सोरेन को गुरुवार के फिन सबह 11:30AM बजे पूछताछ के लिए बुलाया है.
ये है पूरा मामला
झारखंड में हुए कथित खनन घोटाले की जांच ईडी कर रही है. ईडी ने झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नज़दीकी कहे जाने वाले पंकज मिश्रा को 19 जुलाई को गिरफ्तार किया था. उनकी ये गिरफ्तारी पीएमएलए एक्ट के तहत हूई थी.
इस मामले में ईडी ने पंकज मिश्रा के अलावां बच्चू यादव और प्रेम प्रकाश को भी आरोपी बनाया है. जिनकी गिरफ्तारी 4 व 5 अगस्त को हूई थी. उसके बाद प्रेम प्रकाश के ठिकानों पर ईडी ने 24 अगस्त को छापेमारी की थी. इसके बाद ईडी ने पीएमएलए कोर्ट के समक्ष 16 सितंबर को चार्जशीट दाखिल की थी. ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा के पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल का बयान भी दर्ज किया है.
आरोप लगाए जा रहे हैं कि 8 जुलाई को छापेमारी के दौरान पंकज मिश्रा के आवास से मिले दस्तावेजों में सोरेन की पासबुक भी थी.
उस दौरान खबरें फैलीं कि ईडी ने पंकज मिश्रा और अन्य के 37 बैंक खातों में पड़े 11.88 करोड़ रुपये की नकदी ज़ब्त की. जो धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत ज़ब्त की गई थी.
इस मामले में पूजा सिंघल और चार्टर्ड एकाउंटेंट सुमन कुमार को भी गिरफ्तार किया गया था. उस दौरान आरोप लगे कि आईएएस पूजा सिंघल के परिसर से हेमंत सोरेन से जुड़े खनन लाइसेंसों के आवंटन से संबंधित दस्तावेज बरामद हुए. उस समय आईएएस पूजा सिंघल झारखंड सरकार में खनन सचिव थीं. सिंघल के चार्टर्ड अकाउंटेंट सुमन कुमार के यहां से 19.31 करोड़ रुपये नकद बरामद किए गए थे.
दरअसल पंकज मिश्रा, पूजा सिंघल, सीए सुमन कुमार आदि की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में राजनीतिक अस्थिरता का दौर शुरू हुआ. सोरेन सरकार के गिराए जाने से संबंधित हर दिन नई-नई अटकलें जारी होती रहीं, लेकिन सोरेन सरकार राजनीतिक अस्थिरता के बीच स्थिर रही.
झारखंड में राजनीतिक घटनाक्रम पर एक नज़र
11 फरवरी 2022 : झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस से भाजपा नेताओं के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा पत्थर खनन लीज लेने संबंधी दस्तावेज सौंपे. जिस पर राज्यपाल ने चुनाव आयोग से मंतव्य मांगा
2 मई 2022 : चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को नोटिस भेजते पूछा गया कि क्यों नहीं उनके खिलाफ जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य करार देने की कार्रवाई की जाए. साथ ही चुनाव आयोग ने मुख्यमंत्री को 10 मई तक अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया.
9 मई 2022 : मुख्यमंत्री ने अतिरिक्त समय मांगा. तब आयोग ने 10 दिनों का वक्त दिया.
20 मई 2022 : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने जवाब दिया.
14 जुलाई 2022 : चुनाव आयोग के समक्ष हेमंत सोरेन के वकील ने पक्ष रखा.
12 अगस्त 2022 : दोनों पक्षों की तरफ से बहस पूरी होने के बाद आयोग ने सुनवाई समाप्त की. दोनों पक्ष से 18 अगस्त तक लिखित जवाब देने को कहा.
25 अगस्त 2022 : चुनाव आयोग ने राज्यपाल को बंद लिफ़फ़े में मंतव्य भेजा.
29 अगस्त 2022 : विधायकों को एकजुट रखने की कवायद में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन विधायकों के साथ खूंटी के लतरातू डैम पहुंचे.
30 अगस्त 2022 : सत्ता पक्ष के अधिकांश विधायक विशेष विमान से रायपुर भेजे गए.
1 सितंबर 2022: सत्ताधारी गठबंधन का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मुलाकात करते हुए स्थिति स्पष्ट करने की मांग की.
2 सितंबर 2022 : राज्यपाल दिल्ली गए.
5 सितंबर 2022 : विधानसभा के विशेष सत्र में हेमंत सरकार ने विश्वास मत प्राप्त किया.
23 सितंबर 2022 : 25 अगस्त को चुनाव आयोग के द्वारा भेजे गए मंतव्य में क्या लिखा है ये जानने के लिए राज्यपाल ने कहा कि आयोग का लिफाफा इतनी मज़बूती से चिपका है कि वह खुल ही नहीं रहा.
27 अक्तूबर 2022 : बहरहाल झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन रहेंगे कि जाएंगे, झारखंड में ऐसी चल रही थीं. इसी दौरान झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने बातों ही बातों में एक बड़ा इशारा कर दिया. दीवाली की चर्चा के दौरान गर्वनर ने कहा कि “झारखंड में पटाखा बैन नहीं है, संभव है कि एकाध एटम बम फटे.” दरअसलञार के राज्यपाल ने चुनाव आयोग से हेमंत सोरेन की सदस्यता, अयोग्यता के मसले पर दोबारा मंतव्य मांगा है.
झारखंड के गवर्नर रमेश बैस के द्वारा कही गई इस बात पर राजनीतिक अटकलें फिर तेज़ हो गईं. भाजपा सांसद निशिकांत दूबे ने भी 28 अक्तूबर को ट्विटर पर खलबली मचा दी. उन्होंने ट्वीट में लिखा, “बा मुहालिजा होशियार, लगता है होगा धमाल, संदर्भ झारखंड.”
बा मुहालिजा होशियार, लगता है होगा धमाल संदर्भ झारखंड
— Dr Nishikant Dubey (@nishikant_dubey) October 28, 2022
झारखंड भाजपा के विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने ईडी द्वारा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को समन जारी किए जाने के बाद 2 नवंबर को खूब हमलावर है. मरांडी ने एक के बाद एक कई ट्वीट करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर गंभीर आरोप लगाए. बाबूलाल मरांडी ने एक ट्वीट में अमित अग्रवाल संग हेमंत सोरेन की एक फोटो शेयर करते हुए लिखा कि “अपने स्वभाव के विपरीत ये तस्वीर क्षमा मांगते हुए इस लिये पोस्ट करने को मजबूर हुआ कि झारखंड और देश-दुनिया को यह जानने का अधिकार है कि झारखंड को कौन चला रहे थे?
तस्वीर में हेमंत सोरेन जी अपने साथ बिचौलिये अमित अग्रवाल को आदरणीय रतन टाटा जैसे सम्मानित व्यक्ति से मिलवा रहे हैं.”
अपने स्वभाव के विपरीत ये तस्वीर क्षमा मांगते हुए इसलिये पोस्ट करने को मजबूर हुआ कि झारखंड और देश-दुनिया को यह जानने का अधिकार है कि झारखंड को कौन चला रहे थे?
तस्वीर में हेमंत सोरेन जी अपने साथ बिचौलिये अमित अग्रवाल को आदरणीय रतन टाटा जैसे सम्मानित व्यक्ति से मिलवा रहे हैं।१/२ pic.twitter.com/sttVRX21v3
— Babulal Marandi (@yourBabulal) November 2, 2022
दरअसल अमित अग्रवाल वही शख्स हैं जिन्होंने झारखंड हाईकोर्ट के वकील राजीव कुमार को 50 लाख रुपये रिश्चत मांगने के आरोप में 31 जुलाई को गिरफ्तार करवाया था. बताया जाता है कि राजीव कुमार झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ जनहित याचिकाओं की पैरवी करते रहे हैं. जबकि अमित अग्रवाल को ईडी ने इस संबंध में पूछताछ के लिए बुलाया था, लेकिन उस दौरान 8 अक्तूबर को गिरफ्तार कर लिया. फिलहाल फोनो ही जरल में हैं.
इस ट्वीट के वाद बाबूलाल ने एक और ट्वीट करते हुए कहा कि “तस्वीर देखिये और जज कीजिये कि मुख्यमंत्री बड़ा या लूट सरग़ना अमित अग्रवाल?
1932 खतियानियों के लिये घड़ियाली आंसू बहाने वाले मुख्यमंत्री ने इन्हीं 2020 के “लूट खतियानधारियों” के साथ मिलकर झारखंड का जल-जंगल, ज़मीन, पहाड़ सबकुछ लूट लिया है।
नतीजा सामने आने लगा है. देखते जाइये.”
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर आक्रामक ट्वीट में गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी को अगर ED ने बुलाया है तो वह यूँ ही नहीं है।
इन्होंने पैसे और दौलत की हवस में पूरे राज्य को गुंडे, मवालियों, दलालों, बिचौलियों और मुठठी भर चोर-बेईमान अफ़सरों के हवाले कर खुद सिर्फ़ लूट का माल बटोरने और खपाने के रास्ते खोजने का काम किया है.”
बाबूलाल ने आगे कहा कि “हेमंत जी शायद यह भूल गये कि जनादेश का मतलब लूट का लाइसेंस नहीं है और वोट से लूट के पाप को कवर नहीं किया जा सकता.
आपने लूटा है तो सज़ा भी भुगतने के लिये तैयार रहिये. देश का कानून अपना काम कर रहा है. आप बेक़सूर होंगे तो बेदाग़ निकल जाइयेगा. वैसे पब्लिक सब देख समझ रही है”
हेमंत जी शायद यह भूल गये कि जनादेश का मतलब लूट का लाइसेंस नहीं है और वोट से लूट के पाप को कवर नहीं किया जा सकता।
आपने लूटा है तो सजा भी भुगतने के लिये तैयार रहिये। देश का क़ानून अपना काम कर रहा है।आप बेक़सूर होंगे तो बेदाग़ निकल जाइयेगा। वैसे पब्लिक सब देख समझ रही है।2/2@ANI
— Babulal Marandi (@yourBabulal) November 2, 2022
भाजपा नेताओं को दिया हेमंत सोरेन ने जवाब
लगातार हो रहे हमलों के बीच झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि आज विपक्ष का कोई साथी बताये अगर वह सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के अंतर्गत लोगों को मदद पहुंचाने का काम कर रहे हैं तो? जहां लोगों को योजनाओं का लाभ मिल रहा है वहां जाना तो दूर यह दिन भर षड्यंत्र रचने में लगे रहते हैं. यह नहीं चाहते गरीब और जरूरतमंद लोगों को योजनाओं का लाभ मिले.
ईडी के द्वारा बलाए जाने पर हेमंत सोरेन कहते हैं कि “हमारे विपक्ष के अनुरोध पर हमें भी बुलावा आया है. यह दर्शाने का प्रयास किया गया है कि देखो ईडी कितना ताकतवर है. विपक्ष इस गलतफहमी में है कि जब वह राजनैतिक रूप से हमारा सामना नहीं कर पा रहा. उनके हर षड्यंत्र का जवाब यहां की जनता इन्हें देगी.”
वह आगे कहते हैं कि “संवैधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग कर राज्य के आदिवासी सीएम को कैसे परेशान किया जाये यही विपक्ष की सोच है. मुझे परेशान करने की कोशिश के पीछे एक ही उद्देश्य है कि दलित, आदिवासी, पिछड़ा और अल्पसंख्यक को हक न मिले. जब राज्य के करोड़ो जन मानस का साथ हो तो इनकी कोई साज़िश काम नहीं आयेगी.”
झारखंड के मुख्यमंत्री विपक्ष पर हलवार होते हुए कहते हैं कि “इतिहास गवाह है विपक्ष जैसे सामंतवादी लोग वंचित और शोषित का भला कभी नहीं सोच सकते. एकलव्य जैसे तीरंदाज़ से उनके गुरु ने अंगूठा मांग लिया था कि अब चलाओ तीर.
लेकिन यह वीर सिदो-कान्हू की धरती है, हमारे पूर्वजों ने हमें कभी हारना नहीं सिखाया, हमें लड़ना और लड़कर जीतना सिखाया है.”
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि उन्हें ईडी की ओर से बुलाहट आया है और वह इसका माकूल जवाब देंगे. वह साजिशों से घबराने वाले नहीं. हमारे विरोधी और विपक्षी जब राजनीतिक रूप से मुकाबला नहीं कर पाए तो उन्होंने संवैधानिक ताकतों को गलत तरीके से हमारे पीछे लगा दिया। ऐसे तमाम षड्यंत्रों का जवाब राज्य के नौजवान, किसान, मजदूर, दलित, महिलाएं, बच्चे, आदिवासी और बुजुर्ग देंगे, जिनका विश्वास हमारे साथ है.