खदान धंसने से चोटिल मज़दूर को कंधे पर उठाकर ले जाते हुए स्थानीय.
धनबाद (Dhanbad): शुक्रवार को पूर्वी झरिया के भौरा थाना क्षेत्र में स्थित बीसीसीएल 4-ए-पैच माइंस (खदान) में चॉल धंसने से अवैध खनन कर रहे दर्जनों मज़दूर उसके नीचे दब गए. इस दौरान गंभीर रूप से घायल दो लोगों में से एक के मृत्यु की पुष्टि धनबाद उपायुक्त ने की है.
स्थानीय लोगों का दावा है कि हादसे में तीन लोगों की मौत हुई है. इस दावे के मद्देनज़र जब हमने धनबाद एसएसपी संजीव कुमार से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि घटनास्थल से एक लाश बरामद हुई है, जबकि तीन लोग घायल हुए हैं.
उपायुक्त संदीप सिंह ने बताया कि चॉल धंसने के बाद स्थानीय प्रशासन व बीसीसीएल की टीम द्वारा स्पॉट निरीक्षण किया गया है. ज़िला प्रशासन के द्वारा दो सदस्यीय टीम बनाई गई है, जो इस मामले की जांच करके रिपोर्ट देगी.
मरने वाले मज़दूरों की संख्या को लेकर उठे सवाल के जवाब में धनबाद उपायुक्त ने कहा कि मौक़े से केवल एक ही बॉडी बरामद हुई है, बाकी आगे जो जांच में आएगा उससे अवगत किया जाएगा.
बीसीसीएल की रिपोर्ट के अनुसार साइट पर सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया है, जिसके हिसाब से अब वहां किसी के फंसे होने की संभावना नहीं है.
खदान धंसने से बुरी तरह से घायल मज़दूर को इलाज के लिए ले जाते हुए स्थानीय.
स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता डॉ मनोज कुमार कहते हैं कि धनबाद के झरिया इलाके में अकसर हादसे होते हैं. वह चाहे रनिंग माइंस में हो या फिर बंद हो चुकी माइंस में. मसला ये है कि बीसीसीएल पहले अंडरग्राउंड माइनिंग करती थी, लेकिन गुज़रे एक दशक से उनकी आउटसोर्स कंपनी ओपन कास्ट माइनिंग कर रही है.
वह बताते हैं, “ओपन कास्ट माइनिंग अंडरग्राउंड माइनिंग की तुलना में असुरक्षित है। यह पर्यावरण के लिए नुक़सानदायक तो है ही, साथ ही सामाजिक स्तर पर लोगों को नुक़सान पहुंचाने वाला है. ओपन कास्ट माइनिंग में मशीनें अधिक काम कर रही हैं, जिससे रोज़गार भी घट गया है.”
डॉ मनोज आगे कहते हैं, “ओपन कास्ट माइनिंग से सरकार को भी नुक़सान है. पहले अंडरग्राउंड माइनिंग में निचली सतह तक का कोयला निकलता था, जबकि ओपेनकास्ट माइनिंग में निचली सतह का कोयला नहीं निकल पाता है. इसे ही निकालने के लिए कोयला माफिया अवैध खनन का सहारा लेते हैं.”
उनके अनुसार, “मौत को हथेली पर लेकर खनन करने वाले मज़दूरों के लिए यदि यहां स्थायी रोज़गार उपलब्ध करवाए जाएं, तो वे इस अवैध खनन से तौबा कर लेंगे.”
झरिया माइनिंग क्षेत्र में होने वाली ऐसी घटनाओं पर धनबाद एसएसपी कहते हैं कि इसका कारण यह है कि बीसीसीएल का यहां कोई एक्सेस कंट्रोल नहीं है. माइंस चारों तरफ से खुली हुई है, और कोई गेट नहीं होने से स्थानीय लोग अवैध तरीके से कोयला निकालने के लिए अपनी जान जोख़िम में डालते हैं.
अवैध खनन में स्थानीय लोगों की मौजूदगी को रोकने के संदर्भ में उपायुक्त कहते हैं, “बीसीसीएल व आउटसोर्स कंपनी की ज़िम्मेदारी है कि माइनिंग क्षेत्रों में सीसीटीवी कैमरे, बैरियर्स और ड्रेस कोड में सिक्योरिटी स्टाफ सुनिश्चित करें, जो अवैध खनन करने वालों को रोक सकें.”