NEET Scam: आख़िर क्यों चर्चा में है मेडिकल प्रवेश परीक्षा का परिणाम? देश भर में नीट आवेदक कर रहे प्रदर्शन

NEET Scam: आख़िर क्यों चर्चा में है मेडिकल प्रवेश परीक्षा का परिणाम? देश भर में नीट आवेदक कर रहे प्रदर्शन

दिल्ली, पटना, भोपाल, लखनऊ और रांची के अलावा दर्ज़न भर से अधिक शहरों में नीट यूजी 2024 परीक्षा परिणाम के ख़िलाफ़ आंदोलन हुए। अब भी कई शहरों में आने वाले दिनों में आंदोलन की तैयारी चल रही है।

बीते महीने पांच मई को मेडिकल कॉलेज में प्रवेश के लिए नीट यूजी की परीक्षा देशभर में आयोजित की गई थी, जिसका परिणाम चार जून को घोषित किया गया। परीक्षा परिणाम को लेकर तब विवाद खड़ा हो गया जब एकसमान अंक के साथ कुल 67 अभ्यर्थी टॉप कर गए। जबकि, अगर पिछले दो-तीन सत्र का आंकड़ा देखें तो केवल तीन से चार स्टूडेंट ही इस परीक्षा में टॉप कर पाए थे। टॉपर की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि ने छात्रों और कोचिंग संस्थानों को गोलबंद कर दिया और वे सडकों पर पर उतर आए। उल्लेखनीय है कि एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) ने कई परीक्षा केंद्रों पर पेपर में गड़बड़ी को स्वीकार भी किया है। वहीं, पेपर लीक के आरोपों को एनटीए द्वारा खारिज़ किया गया है।

ग़ौरतलब है कि एनटीए की ओर से कुछ आवेदकों को ग्रेस मार्क देने के फ़ैसले पर भी लगातार प्रश्न उठाए जा रहे हैं। उसको लेकर नीट आवेदक शिवांगी मिश्रा समेत अन्य नौ आवेदकों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर नीट परीक्षा को रद्द कर पुन: आयोजित करने की मांग की थी। 11 जून को उस याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विक्रम नाथ और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की स्पेशल बेंच ने कहा कि नीट यूजी परीक्षा परिणाम प्रभावित ज़रूर हुआ है; उसे लेकर एनटीए को जवाब देना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने एनटीए और सरकार को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। अगली सुनवाई अगले महीने की आठ जुलाई को होनी है। लेकिन, उच्चतम न्यायालय ने नीट यूजी 2024 की काउंसलिंग पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा, “न ही परीक्षा रद्द की जाएगी, न ही काउंसलिंग पर रोक लगाई जाएगी।”


देहरी कलां गाँव की निशिता सोनी •

आवेदकों ने क्या कहा?

भोपाल के कोलार रोड के पास स्थित देहरी कलां गाँव की निशिता सोनी नीट आवेदक हैं। वह बताती हैं, “पांच मई को नीट यूजी की परीक्षा आयोजित हुई थी। एनटीए ने 25 दिन के बाद ‘आंसर की’ और परीक्षा हॉल में आवेदकों की जमा की गई ‘आंसर शीट’ की स्कैन कॉपी ईमेल पर भेजी। मैंने जब एनटीए की ओर से जारी ‘आंसर की’ से ‘रिस्पॉन्ड शीट’ का मिलान किया तो पाया कि मुझे 617 नंबर मिल रहे हैं, जिससे लगा कि इस साल मुझे किसी सरकारी या प्राइवेट मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीट अलॉट हो जाएगी।”


निशिता की ‘ओएमआर आंसर शीट’ •

जबकि, नीट यूजी के परिणाम में निशिता को महज़ 340 अंक प्राप्त हुए। उनके मुताबिक़, उन्होंने परिणाम घोषित होने के अगले ही दिन एनटीए को ईमेल कर रिजल्ट रिव्यू की गुहार लगाई; लेकिन अब तक एनटीए की ओर से कोई जवाब नहीं मिला है। वह बताती हैं कि “ग़लत परिणाम देने के ख़िलाफ़ हमने हाईकोर्ट की जबलपुर बेंच में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने याचिका को WP/16295/2024 नंबर पर पंजीकृत किया है।”

निशिता सोनी के केस की पैरवी कर रहे वकील बृजेंद्र मिश्रा बताते हैं, “याचिका पर वैकेशन बेंच सुनवाई करेगी। कोर्ट ने हमारी याचिका को दर्ज कर लिया है, लेकिन अभी सुनवाई की तारीख़ सुनिश्चित नहीं की है।”

माता-पिता की प्रतिक्रिया

निशिता सोनी की माँ प्रतिभा सोनी ने हमें बताया, “जब हमने निशिता का नीट परिणाम देखा तो हमें अपनी आंखों पर यकीन नहीं हुआ। मुझे विश्वास ही नहीं हुआ कि यह मेरी बेटी का अंकपत्र है। मैंने स्वयं उसके साथ रहकर उसकी तैयारी करवाई है। उसने रात-रातभर जागकर तैयारी की है। एनटीए ने जो अंकपत्र घोषित किए हैं, उससे मैं सहमत नहीं हूं। हमने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी है। मसला केवल अंकों का नहीं है, बल्कि हम सबकी उम्मीदें टूटी हैं।”


नेशनल टेस्टिंग एजेंसी की ओर से जारी ‘फाइनल आंसर की’ •

उन्होंने आगे कहा कि “एनटीए वालों के लिए यह महज़ एक नंबर है, मगर हमारे लिए यह मेरी बेटी की सालभर की मेहनत है। तैयारी के दौरान वर्षों से वह कहीं आती-जाती तक नहीं है। इस दौरान उसने केवल क्लास से घर और घर से क्लास का सफ़र ही तय किया है। नीट का परिणाम आने के बाद मेरी बेटी ने खाना छोड़ दिया। परिणाम देखने के बाद उसे संभालने में मुझे पूरे दो घंटे लग गए। जब से उसने अपना परिणाम देखा है, तब से उसके चेहरे की खुशी गायब-सी हो गई है। उसके रिजल्ट के बारे में जानने के बाद मेरे पति उदयपुर से भोपाल कार ड्राइव करके आए। उस हड़बड़ी की स्थिति में अगर मेरे पति को कुछ हो जाता तो? जो कुछ भी मेरी बेटी के साथ हुआ है, वह किसी और के साथ न हो।”

जबलपुर की स्टूडेंट अमीषी वर्मा ने बताया, “हमने नीट यूजी के रिजल्ट को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। हमारी याचिका पर इसी हफ़्ते सुनवाई होनी है। याचिका में हमने नीट की परीक्षा में भष्टाचार के आरोप लगाए हैं। मुझे कुल 720 में से 615 अंक प्राप्त हुए हैं, जबकि मुझे 700 से अधिक अंक आना चाहिए था।” वह सवाल करती हैं कि “आख़िर एक कोचिंग संस्थान के आठ छात्रों को कैसे परीक्षा में शत प्रतिशत अंक मिले?”


मेरठ में नीट परीक्षा परिणाम के ख़िलाफ़ प्रदर्शन करते स्टूडेंट •

नीट रिजल्ट विवाद को लेकर क्या कहता है एनटीए?

एनटीए के डायरेक्टर जनरल सुबोध कुमार सिंह बताते हैं, “कमिटी ग्रेस मार्क पाने वाले 1563 आवेदकों के साथ-साथ छह केंद्रों की जांच करेगी। ये केंद्र बहादुरगढ़, मेघालय, दंतेवाड़ा, बालोद, सूरत और चंडीगढ़ के हैं। साथ ही हमारे पास केंद्रों की रिपोर्ट भी है। केंद्रों की मॉनिटरिंग के लिए हमारे पास सीसीटीवी हैं।”

नीट में कुल 67 अभ्यर्थियों को ऑल इंडिया रैंक-वन मिलने के सवाल पर एनटीए के डायरेक्टर जनरल कहते हैं, “ऐसा एनसीईआरटी की पुरानी और नई किताब में अंतर होने की वज़ह से हुआ है। हमारे देश में घर के बड़े भाई-बहनों की पुरानी किताबों से उनके छोटे भाई-बहन पढ़ाई करते हैं, ऐसे में पुरानी किताब के हिसाब से दिये गए जवाब को ग़लत नहीं ठहरा सकते।”

ग्रेस मार्क मिलने के विवाद पर बात करते हुए सुबोध सिंह कहते हैं, “एनटीए ने 29 मई को नीट यूजी की ‘प्रोविजनल आंसर की’ जारी की। उसमें विकल्प संख्या-एक को सही माना गया था, जबकि 10 हज़ार से अधिक छात्रों ने पुरानी एनसीईआरटी के जवाब पर आपत्ति जताई। एनटीए की ओर से प्रोविजनल आंसर की जारी होने पर जो विरोध हुए, जांच होने से यह पता चला कि इस सवाल का जवाब पुरानी और नई किताब के हिसाब से अलग-अलग होगा। पुरानी किताब की स्टेटमेंट गलत है, लेकिन एनसीईआरटी को स्टैंडर्ड सिलेबस माना गया है; जिस वज़ह से किताब में गलती होने के कारण परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं की जा सकती है।”

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