'नगरपालिका में पांच हजार रुपये टोकन मनी के रूप में भुगतान करने के बाद भी आज तक नहीं मिला आवास। आंखों में ‘अपना घर’ होने की उम्मीद लिए कई आवेदकों की तो मौत तक हो गई।' Read more