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- Mohammad Sartaj Alam
'झारखंड में अभी तक केवल दो आदिवासी महिला ही सांसद बन सकीं, जबकि जनजातीय बाहुल्य आबादी के कारण इस राज्य में आदिवासियों के लिए चार लोकसभा सीट राजमहल, दुमका, सिंहभूम, खूंटी व लोहरदग्गा आरक्षित हैं.' Read more
'प्रदेश भर में लाह किसानों के लिए मौसम की बेरुख़ी परेशानी का सबब बना हुआ है. फसल विशेषज्ञ एवं किसानों के मुताबिक़, जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता तापमान, बेमौसम बारिश आदि विभिन्न मौसमी घटनाएं लाह के उत्पादन को प्रभावित कर रही हैं.' Read more
'पिछले एक वित्तीय वर्ष के दौरान पलामू ज़िला के जिन 443 कुपोषित बच्चों का कुपोषण उपचार केंद्र में इलाज हुआ, उनमें से 203 बच्चे अनुसूचित जाति से हैं.' Read more
'महिलाओं ने कई बार जंगल से लकड़ी लेकर जाने वाली पिकअप वैन को रोका. परिणामस्वरूप, कोलिबेरा के जंगलों में पेड़ की कटाई और सूखी लकड़ियों की अवैध ढुलाई लगभग बंद है.' Read more
'झारखंड सरकार के श्रम विभाग के साथ प्रवासी मज़दूरों को लेकर काम करने वाली ‘फिया’ नामक संस्था की प्रवक्ता शिखा पंकज ने बताया कि सरकार के समाधान पोर्टल पर प्रदेश के एक लाख 70 हज़ार प्रवासी मज़दूर पंजीकृत हैं, जबकि कुल 25 लाख प्रवासी मज़दूर राज्य के बाहर काम कर रहे हैं.' Read more
'वज्रपात का क़हर: ग्लोबल वार्मिंग के कारण बढ़े बिजली गिरने के मामले, लोगों को हो रहा जान-माल का नुक़सान'
'झारखंड (Jharkhand) में वज्रपात से हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मौत होती है. विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक तापमान (Global Warming) के कारण बिजली गिरने की घटना झारखंड सहित अन्य जगहों पर भी बढ़ी है.' Read more
'बिना मौसम बारिश और ओलावृष्टि के कारण रबी की फसलें बर्बाद हो रही हैं. बीते दो हफ़्तों में उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश के दर्जनों ज़िलों के किसान इस आपदा का शिकार हो चुके हैं. इस कारण गेंहू व दलहन सहित लहसुन, प्याज़ आदि की फसलें भी प्रभावित हो रही हैं.' Read more
'झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने मंगलवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर सरकारी स्कूल में जनजातीय भाषाओं की पढ़ाई के लिए शिक्षकों की नियुक्ति का दिया निर्देश.' Read more
'बदलते मौसम-चक्र, बढ़ते तापमान व बेमौसम बारिश का जंगलों की सघनता पर पड़ रहा बुरा असर. मौसम में आए इस बदलाव से पौधे बीमार एवं नष्ट हो रहे.' Read more
'राज्य में सप्ताह में एक दिन ‘बैगलेस स्कूल’ की घोषणा की गई है, जिससे हफ़्ते में एक दिन बच्चों को भारी बैग के बोझ से राहत मिलेगी.' Read more
'ओडिशा के मयूरभंज जिले में रहने वाले आदिवासी लाल चींटियों से एक ख़ास तरह की चटनी बनाते हैं, जिसे हाल ही में जीआई टैग (GI Tag) प्राप्त हुआ है.' Read more
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